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सुन भई चाचा अरे हाँ भतीजा...

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 सुन भई चाचा अरे हाँ भतीजा... पृथ्वी अंडाकार है, लेकिन कहते है दुनिया गोल है और यह जब अपनी धुरी पर घूम रही है तो कोई हिस्सा सूर्य के प्रकाश की जद में आने से बच नहीं सकता, यानी सच देर सबेर सूर्य के प्रकाश के दायरे में आकर अपनी स्थिति को उजागर कर हीं देता है, तब महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा भतीजा के सच भी सबके सामने देर सबेर आ  ही जायेगा ।  लेकिन मुंबईया फिल्म वालोँ को इस बात का पता पहले से ही था कि चाचा-भतीजा भी मिलकर खूब खेल खेलते हैं इसलिए चार-दशक पहले ही उन्होंने इस पर एक फिल्म बना ली थी 'चाचा-भतीजा। इसका एक गाना तब बेहद ही हिट हुआ और लोगों की जुबान पर चढ़ गया था। “बुरा काम का बुरा नतीचा...सुन भई चाचा अरे हाँ भतीजा।  यह गीत एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर गाया जा रहा है।  " अब बुरा काम का बुरा नतीजा तो सभी गा रहें हैं और सब अपने अपने ढंग से गा रहें हैं, लेकिन  कहा जा रहा है कि ज़्यादातर लोग यह गाना देश की सत्ता पर बैठे लोगों के लिए गा रहे हैं, फिर चाचा भतीजा के लिए तो गाया ही जा सकता है। लेकिन जब धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर अँधे हो चुके लोगों ...

मोदी का खाता बही

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  मोदी का खाता बही   मुश्किल में मीडिल क्लास, देश भी सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही, मनाना भी चाहिए ! आख़िर देश को आजादी एक लम्बे संघर्ष से मिली है, कितने ही युवाओं ने अंग्रेजी सत्ता की यातना सही, कितने ही लोगों ने अपना बलिदान दिया, गांधी-नेहरु की संघर्ष यात्रा और अंग्रेजी सल्तनत का जुर्म जानना-समझना चाहिए |लेकिन इस अमृत महोत्सन के दौरान केन्द्र की मोदी सरकार अपने 9 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। किसी भी सत्ता के आँकलन के लिए 9 साल कम नहीं होते है। सरकार अपनी उपलब्धि गिना रही है, मंत्री से लेकर सांसद और पार्टी के कार्यकर्ता कसीदे गढ़ रहे हैं दरअसल यह सब २०२४ की तैयारी है। मोदी सरकार की उपलब्धि को लेकर कई तरह के सवाल है। इस दौर में लोगों ने नोट-बंदी भी देखा तो लॉक डाउन भी देखा | सत्ता की सवेदनहीनता भी देखी तो मास्टर स्ट्रोक भी देखा। लेकिन सत्ता का अपना  चरित्र है, और जिस सत्ता का मुखिया सरेआम कहता हो कि बिजनेस उनके ख़ून  में हो तो फिर इस सच को स्वीकार करना ही चाहिए कि बिजनेस का एक  ही ईमान है मुनाफा' । फिर संवेदनाखाई जायेगी तो बिजनेस कैसे कोई कर पाये...

तोप का लाइसेंस माँगो तो बंदूक़ का मिल ही जाएगा...

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 तोप का लाइसेंस मांगो  तो बंदूक़ का लाइसेंस मिल ही जायेगा... तोप का लाइसेंस मांगो तो बंदूक़  का लाइसेंस मिल जाने की कहावत छत्तीसगढ़ के स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव उर्फ़ 'बाबा पर पूरी तरह फिट बैठता है । 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसे लेकर जब बवाल मच गया तो कहा जाता है कि बाबा और बघेल के बीच ढाई-ढाई साल का फ़ार्मूला बन गया था लेकिन ढाई साल बाद जब भूपेश बघेल ने अपना रूख बदल दिया तो बाबा अड़ गये लेकिन राजा साहेब की सारी अकड़ तब ढीली  पड गई जब  हाईकमान ने भी उनका इस मामले में साथ देने से मना कर दिया इधर बघेल भी शक्ति प्रदर्शन करने लगे लेकिन बाबा ने मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद नहीं छोड़ी और गाहे - बगाहे अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे और यह भी कहते रहे कि कम पर वे कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है लेकिन अब जब चुनाव सिर पर आ गया तब वे हाईकमान की सलाह से डिप्टी सीएम बना दिये गए।   यह बात सभी जानते है कि संवैधानिक  रूप से डिप्टी सीएम का कितना महत्व है। लेकिन कुछ लोग इसे भागते भूत का लँगोटी सही की कहावत में इस पूरे वाकये कों फि...

अमेरिका यात्रा: गये थे हरिभजन को वोटन लगे कपास...

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 अमेरिका यात्रा: गये थे हरिभजन को वोटन लगे कपास... बिगड़‌ती छवि को सुधारने में लगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा ने सब कुछ चौपट कर दिया कहा जाय तो ग़लत नहीं होगा। नौ साल  में पहली बार पत्रकारवार्ता में एक सवाल हुआ,वह भी ऐसा सवाल जो पूरी दुनिया में भाजपा की करतूत को उजागर करके रख दिया और रही सही कसर मोदी सरकार के मंत्री,भाजपा नेताओं और  मुख्यमंत्री ने पूरी कर दी। और ऐसा छिछालेदर किसी प्रधानमंत्री की कभी नहीं हुई। हालत यहां तक आ पहुँची कि व्हाईट हाउस जा पाँची  कहना पड़ा कि पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।  दरअसल हर मामले में मुस्लिम एंगल ढूंढने वालों को जैसे ही पता चला कि सवाल पूछने वाली सबरीना सिद्धिकी है वें ऐसे पिल पड़े मानों सबरीना कोई आतंकवादी है किसानों तक को पाकिस्तानी और देशद्रोही बताने वालोँ ने सबरीना को भी पाकिस्तानी,इस्लामिस्ट बताने लगे। हालत यह  हुई कि इसकी गूँज ने अमेरिकी प्रशासन को हिला कर रख दिया और व्हाईट हाउस को कहना पड़ा कि 'सबरीना' को प्रताड़ित करने की खबर मिली है और वे किसी भी सूरत में पत्रका...

प्रधानमंत्री की चिंता. देश में क्या चल रहा है

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  प्रधानमंत्री की चिंता. देश में क्या चल रहा है प्रधानमंत्री हो तो नरेन्द्र मोदी की तरह । देश की चिंता उन्हें इतनी है कि अमेरिका और मिस्र से लौटते  ही भारत की धरती पर कद‌म रखते ही  उन्होंने अपने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्‌डा से सीधा सवाल किया कि देश मेँ क्या चल रहा है। ऐसी चिंता कितने प्रधानमंत्री की होती है हालांकि पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्‌डा  इसका माकूल जवाब देते हुए   कहा कि पार्टी के नेता उनकी ( प्रधानमंत्री मोदी) सरकार के नौ साल के रिपोर्ट कार्ड के साथ लोगों तक पहुंच बना रहे हैं और देश खुश है। लेकिन लोगों का क्या? वे इस साधारण से सवाल को बात का बतगड़ बनाने में लगे है अखिर देश के प्रधानमंत्री ने ऐसा या गलत कह दिया ! क्या उन्हें जानने का अधिकार नहीं है कि देश में क्या चल रहा है। क्या उन्हें जानने का अधिकार नहीं है कि देश में क्या चल रहा है।  देश में क्या कुछ नहीं चल रहा है।लेकिन नड्डा ने वही बताया जो प्रधानमंत्री मोदी सुनना चाहते थे ?हकीकत तो यह है दि देश में मानसून का सीजन चल रहा है, गर्मी से राहत ढूंढते लोग बारिश से बचते फिर रहे हैं लगातार बारिश ने ...

शराबियो का उत्सव

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 शराबियो का उत्सव  शराब बंदी करने का वादा कर सत्ता में आई काँग्रेस ने अपनी मंशा साफ  कर दी है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खाटी  कांग्रेसी है इसलिए वे गांधी वादी भी है गांधी जी ने तो स्पष्ट कहा है कि  घृणा अपराध से करो, अपराधी से नहीं।  इसलिए अब छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की संशय और  आशंका से गुजर रहे लोगों को  घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कर दिया है कि वे शराब बंदी के पक्ष में है लेकिन लोगों की जान की कीमत पर शराब बंदी नहीं करेंगे? दरअसल करोना काल में जब शराब दुकानें बंद थी तो कुछ लोगों ने सेनेटाजर या दूसरा जहरीला पदार्थ पीकर अपनी जान दे थी। अख़बारों में अमूमन रोज़ ख़बर छप रही है,खून से रंग रही है राजधानी की सड़‌के ? 158 दिनों में 188 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से कई  मौतें नशे की हालत में गाड़ी चलाने की वजह से हुई है। ऐसे में में खबर यह आंकड़े कहां से जुटाया जाए कि शराब पीने से ज्यादा लोग मर रहे हैं, अपराध बढ़ रहे, घरेलु हिंसा भी हो रही है या फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार शराब बंद होने से ज्यादा मौते हो...

अब भी गांधी से खौफ खाती मोदी सत्ता ...

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  केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सपूत “ गोडसे”  यानी अब भी गांधी से खौफ खाती मोदी सत्ता  छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में दौरे पर आए मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का सपूत बता दिया । गिरिराज सिंह के इस बयान ने न केवल राजनीति को गरमा दिया बल्कि मोदी सरकार के मन में गांधी को लेकर बैठे डर को बाहर ला दिया। सरकार ने नाथूराम गोडसे बता दिया।  आखिर मोदी सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ या भारतीय जनता पार्टी "महात्मा गांधी मे इतना डरते क्यों है पर बताए  इससे पहले हम बता दें कि गिरिराज सिंह के इस बयान पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम  ने  सीधे मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा किगिरीराज सिंह को मंत्री मंडल से बर्खास्त करना चाहिए । यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ऐसा नहीं करते हैं तो वे गांधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाने की नौटंकी  बंद कर दें। गिरीराज सिंह के इस बयान से छत्तीस‌गढ़ में ही नहीं देश की राजनीति में उबाल आ गया है ।  बिहार में नितिश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड के प्रवक्ता नीरज क...