शराबियो का उत्सव
शराबियो का उत्सव
शराब बंदी करने का वादा कर सत्ता में आई काँग्रेस ने अपनी मंशा साफ कर दी है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खाटी कांग्रेसी है इसलिए वे गांधी वादी भी है गांधी जी ने तो स्पष्ट कहा है कि घृणा अपराध से करो, अपराधी से नहीं।
इसलिए अब छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की संशय और आशंका से गुजर रहे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने
साफ कर दिया है कि वे शराब बंदी के पक्ष में है लेकिन लोगों की जान की कीमत पर शराब बंदी नहीं करेंगे?
दरअसल करोना काल में जब शराब दुकानें बंद थी तो कुछ लोगों ने सेनेटाजर या दूसरा जहरीला पदार्थ पीकर अपनी जान दे थी।
अख़बारों में अमूमन रोज़ ख़बर छप रही है,खून से रंग रही है राजधानी की सड़के ? 158 दिनों में 188 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से कई मौतें नशे की हालत में गाड़ी चलाने की वजह से हुई है। ऐसे में में खबर
यह आंकड़े कहां से जुटाया जाए कि शराब पीने से ज्यादा लोग मर रहे हैं, अपराध बढ़ रहे, घरेलु हिंसा भी हो रही है या फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुसार शराब बंद होने से ज्यादा मौते होंगी।
वैसे भी छत्तीसगढ़ की सरकार शराब घोटाले में ईडी के दायरे में है। एपी त्रिपाठी सहित कई लोग जेल की सलाखों में पहुंच गए हैं तो शराब की कमाई के नये नये तरीक़े भी सामने आए हैं। वैसे भी वैध-अवैध कमाई बेहिसाब है, जिसका जिसका मोह छोड़ना मुश्किल है।
मोह तो सत्ता का छोड्ना भी मुश्किल है इसलिए कल बिलासपुर में हुए कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 75 सीटों का लक्ष्य दे दिया और कह दिया कि बगावत बर्दाश्त नहीं करेंगे?
विधानसभा सिर पर है और कांग्रेस सत्ता में दुबारा
बैठने आतुर है।कोयला से लेकर शराब घोटाले के घेरे में फँसी सरकार के कई विधायकों की करतूत तो ऐसी है कि तुरंत विधायकी छिन लेना चाहिए वहीं कई अफसर सरकार की मुसिबत बढ़ा रहे हैं। कई नए दावेदार तो ऐसे घुम रहे है मानो उनकी टिकिट पक्की है लेकिन उनके छलावे की चर्चा भी कम नहीं है।
स्वामी अब चुनाव परिणाम जानने घूम है उन्होंने देखा अब रायपुर का उत्तर में घमासान मचा हुआ है, यहाँ के विधायक कुलदीप जुनेजा हैं। स्कूटर में घूमना और नमस्ते चौक के परसेप्शन के बीच अब कमीशन खोरी और दबंगई की चर्चा भी होने लगी क्या है पूरा मामला? क्या है नौटकी ? और गृहनिर्माण मडल के घपले घोटाले मे कुलदीप जुनेजा की करतूत क्या है हम आपको विस्तार से बतायेंगे क्योंकि स्वामी जी अभी सबूत इकट्ठा करने में लगे लेकिन स्वामी जी के कान में बलौदाबाज़ार की गूंज भी सुनाई देने लगी है।सांसद छाया वर्मा की दावेदारी और सांसद निधि में कमीशन का खेल भी कम चर्चा में नहीं है, बलौदाबाज़ार के कांग्रेसी ऐसे ही नाराज रहे तो 75 का लक्ष्य कहीं पिछले चुनाव में अमित शाह के 65+ में तब्दील न हो जाए। स्वामी ने कहा कि रायपुर राजधानी है इसलिए बलौदाबाज़ार में छाया वर्मा के छलावे की चर्चा यहां भी हो रही है।
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