मोदी फिर भारत का गौरव बढ़ायेंगे अमेरिका में...

 मोदी  फिर भारत का गौरव बढ़ायेंगे अमेरिका में



देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुँच रहे हैं  वहाँ वे इसलिए जा रहे हैं क्योंकि भारत का गौरव बढ़ाना है। 140 करोड़ के इस देश में बाकी किसी की ताकत नहीं किं वे देश का  गौरव बढ़ा सके । छोटा मोटा मेडल जीतने वाले क्या  गौरव बढ़ायेंगे।

इससे पहले कितने ही प्रधानमंत्री हुए लेकिन किसी ने भी अमेरिका में भारत का गौरव नहीं बढ़ाया तब यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ जाती है। क्योंकि बाकी  सभी ने तो अमेरिका जाकर भारत का नाम डुबाया ही है। इससे पहले के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो इतने मौन रहें कि उन्हें अमेरिका में कोई जानता ही नहीं, लौह  महिला के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी के बारे मैं तो लोग जबरदस्ती वाह वाही लूटते हैं । पाकिस्तान से युद्ध के दौरान तो अमेरिका खुद फँसा हुआ था नहीं तो अपना सातवां बेड़ा हिन्द महासागर से कभी वापस नहीं ले जाता।

महात्मा गांधी को तो अमेरिका के लोग जानते तक नहीं आज जब भारत आत्मनिर्भर बन रहा है तो अब अमेरिका भी हमारे कद‌मों पर है।

भारत भाग्य विधाता भले ही गुरु जी ने पहले लिख दिया हो, लेकिन असली भाग्य विधाता कौन है यह अब किसी को बताने की जरूरत है ? कुछ मुगालते में जीते रहे कि कांग्रेस ने  ये किया, वो किया। दरअसल 70  साल में इस देश में कुछ हुआ ही नहीं, हालांकि लोगों को भ्रम में क्यों रखा गया? भारत का भाग्य तो अब खुला है २०१४ में। 

देश का गौरव ऐसे ही थोडी न बढ़ता है  इसके लिए 18-18 घंटे काम करना पड़ता है, चुनाव जीतना पड़ता है. पूरी दुनिया घूमनी पड़ती है सफेद हाथी मानकर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचना पड़ता है, और मित्रों के कर्ज को बट्टा खाते में डालकर उन्हें विदेश भेजना पड़ता है, ताकि विदेश जाने पर वही मित्र, स्वागत, में इवेंट करे | 25 से ज्यादा कार्यक्रम हो रहे हैं यह मज़ाक़ है क्या। यह सिर्फ मोदी के कारण संभव हो रहा। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए कुछ विष भी पीना पड़ता है।


अब लोग जल रहे हैं कि देश के प्रधान मंत्री को अमेरिका में बोलने अवसर मिल रहा है,, विश्व मोदी जी के प्रति आशा से देख रहे हैं कि वे जल्द ही रूस यूक्रेन युद्ध को समाप्त का देंगे लेकिन लोग बेवजह सवाल उठा रहे हैं कि मणिपुर एक 'महीने से  जल रहा है उसे तो ठीक कर नहीं सके। चले रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करवाने। मणिपुर की समस्या तो कभी भी ठीक हो जायेगी या की जा सकती है देश का मामला है पहले लेकिन यदि रूस-यूक्रेन युद्द को नहीं रोका गया तो दुनिया तबाह हो जायेगी हसलिए उसे निपटाना पहले ज़रूरी है।

महिला पहलवान कों जबरदात्री श्रेय दिया जा रहा है कि उन्होंने भारत का नाम रोशन किया। भारत का नाम तो सही मायने मेँ अब होगा, अमेरिका में ।राहुल गांधी भी तो अमेरिका हो आये ,     भारत का गौरव बढ़ा ?

अमेरिका में भी कुछ लोग भारत से जलते है इसलिए समय समय पर कभी भुखमरी तो कभी खुशहाली को लेकर भारत की छिछलेदार करने की कोशिश करते रहते हैं। अब भारत में यह आज तो नहीं हुआ, पहले से था और रहा सवाल नंबर में और पीछे खिसकने का तो वह उपर नीचे होता रहता है। अमेरिका में भी भारत विरोधियों की कमी नहीं है इसका बड़ा उदाहरण है कि जैसे भारत में छोटे-मोटे दल मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध कर रहे हैं वैसे ही 17 संगठन

एक होकर विरोध कर रहे हैं लेकिन मोदी  की ताकत के कारण बाइडन सरकार उस विरोध को नजर अंदाज कर रहे हैं।

धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट भी भारत को बदनाम करने की साजिश है इसलिए मोदी के आगमन के दौरान ही बीबीसी डक्यूमेंट्री दिखा रहे हैं जिसे भारत में बैन कर दिया गया है। हमसे ज्यादा तो मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन में तांडव होता है लेकिन कोई कुछ नहीं कहता अमेरिका में जो भी विरोध हो रहा है वह राहुल गांधी के कारण हो रहा है । देखना इस यात्रा से भारत का गौरव इतना बढेगा कि हम जल्द ही विश्व गुरु बन जायेंगे।

https://youtu.be/PUg5YLQ5oyc

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